बिहार में विभिन्न प्रकार के खनिज और चट्टानें पाई जाती हैं, जो राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान करती हैं। यहाँ बिहार के खनिज और चट्टानों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है:
खनिज:
1. कोयला: बिहार में कोयले के विशाल भंडार हैं, खासकर झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों में। राज्य में कोयले के भंडार लगभग 1.4 अरब टन हैं।
2. लोहा और मैंगनीज: बिहार में लोहे और मैंगनीज के अयस्क के महत्वपूर्ण भंडार हैं। राज्य में लोहे के भंडार लगभग 1.2 अरब टन हैं, जबकि मैंगनीज के भंडार लगभग 10 मिलियन टन हैं।
3. तांबा: बिहार में तांबे के अयस्क के भंडार पाए जाते हैं। राज्य में तांबे के भंडार लगभग 2 मिलियन टन हैं।
4. बॉक्साइट: बिहार में बॉक्साइट के महत्वपूर्ण भंडार हैं, जो एल्युमिनियम के उत्पादन में उपयोग किए जाते हैं। राज्य में बॉक्साइट के भंडार लगभग 10 मिलियन टन हैं।
5. क्वार्ट्ज: बिहार में क्वार्ट्ज के विशाल भंडार हैं, जो ग्लास और सिरेमिक उद्योगों में उपयोग किए जाते हैं। राज्य में क्वार्ट्ज के भंडार लगभग 1 अरब टन हैं।
चट्टानें:
1. ग्रेनाइट: बिहार में ग्रेनाइट के विशाल भंडार हैं, जो निर्माण और वास्तुकला में उपयोग किए जाते हैं। राज्य में ग्रेनाइट के भंडार लगभग 10 अरब टन हैं।
2. बेसाल्ट: बिहार में बेसाल्ट के भंडार पाए जाते हैं, जो निर्माण और सड़क निर्माण में उपयोग किए जाते हैं। राज्य में बेसाल्ट के भंडार लगभग 5 अरब टन हैं।
3. बलुआ पत्थर: बिहार में बलुआ पत्थर के विशाल भंडार हैं, जो निर्माण और वास्तुकला में उपयोग किए जाते हैं। राज्य में बलुआ पत्थर के भंडार लगभग 5 अरब टन हैं।
4. शेल: बिहार में शेल के भंडार पाए जाते हैं, जो सीमेंट और कच्चे तेल के उत्पादन में उपयोग किए जाते हैं। राज्य में शेल के भंडार लगभग 1 अरब टन हैं।
इन खनिजों और चट्टानों के अलावा, बिहार में कई अन्य प्रकार के खनिज और चट्टानें भी पाई जाती हैं, जो राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान करती हैं। बिहार सरकार ने खनिज और चट्टानों के विकास और उपयोग के लिए कई योजनाएँ और नीतियाँ बनाई हैं,
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