मेरा स्वाभिमान है तिरंगा मेरा देश महान - NPBP NEWS

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Thursday, 8 August 2019

मेरा स्वाभिमान है तिरंगा मेरा देश महान

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अनेकता में एकता और एकता मे ही बल है।हम अपने इमान और स्वभिमान को हमेशा इस तिरंगे के लिए गौरवान्वित रखेंगें।देश मेरी शान और तिरंगा मेरी पहचान है और इस देश का नारा मेरा भारत महान है।हम जितनी भी कुरबानीयाँ दें इस देश के लिए कम होगी।आज भी इस देश ने एक बेटी को खोया, इन्होंने इस देश के लिए क्या कुछ नहीं किया?  इनकी जीवन से जुड़ी हुई प्रेरणा एवं नैतिकता को ध्यान में रखकर हमसब भी अपने जीवन को एक सही दिशा में परिवर्तित करने का प्रयास कर सकते हैं।किसी भी व्यक्ति को दुनिया से अलविदा होना हमारे जीवन की एक सच्ची परिभाषा है।वो एक सीख देकर जाते हैं जिसे कि हम बहुत पीछे होते हैं लेकिन फिर भी उनकी प्रेरणा अब इस दुनिया की एक परिभाषा होगी ही हम कोई किताब में देखेंगे या तो किसी महापुरुष की मुख्य उदाहरण से।लेकिन ,इसे हम अपने दिलोदिमाग मे नहीं रख पाते क्यों?जो हमारे बीच होते हैं उन्हें कभी भी पूरी तरह से जान नहीं पाते हैं लेकिन वही जब हमेशा के लिए छोड़ जाते हैं तो इतनी रहमदिल बेचैनियां क्यों होती है ,जैसे आज इस देश के हर एक व्यक्ति में जाग उठा।हम इनके जैसे क्यों नहीं बन सकते।क्यों न हम भी कुछ ऐसा कदम उठाएं जिससे इस देश को हम कभी भी बोझ न लगें और खुद को गौरवान्वित करें और साथ ही इनकी बुलँदियो को हम निरंतर रखें।मेरा कहने का मतलब ये है कि जब कोई भी व्यक्ति अच्छे कार्य को करते हैं तो हम उससे वंचित होते हैं ,उन्हें सहानुभूति कि जरूरत होती है और अगले को उनकी प्रेरणा की ।लेकिन दोनों एक दूसरे से वंचित हो जाते हैं ।आज जिसे हम और हमारे इस देश ने एक ऐसी बेटी को खोया जिन्होंने अपनी पच्चीस साल की उम्र में मंत्री का पद भार को सम्भाला ,और हम अपनी जीवन को पच्चीस साल में तय भी नहीं कर पाते कि हम क्या करेंगे क्यों?१९५२से लेकर२०१९तक के सफर मे इन्होंने क्या किया एक पत्रकार ने उनका सारा इतिहास को बताया, यही सफर पहले क्यों नहीं?क्यों हम ऐसे लोगों से वंचित रह जाते हैं ।अगर हम जानते भी हैं तो इनके बराबरी करने  का  प्रयास नहीं कर पाते ।सफल होने के लिए कोई जरूरी नहीं कि हम मंत्री ही बनें ,लेकिन सही मार्गदर्शन को लेकर सफलता पाने की प्रयास तो कर सकते हैं।अब इस सोच के बारे में अपने-अपने विचार दें...ताकि मैं भी अपने इस सोच में सफल हो सकें।अगर हमारी मार्ग दर्शन सही हो तो मंजिल तक पहूँचना थोड़ी सी आसान हो जाती है ।हम अपने विचार को चंद शब्दों में व्यक्त करके आप तक पहूँचाया है ,अब आप इससे कितने सहमत हैं ये हम तक पहूंचाएं ताकि आगे का प्रयास मेरा जारी रहे .....जय हिंद जय भारत          प्रतिभा कुमारी  गया ।

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