गया जिला पदाधिकारी अभिषेक सिंह के द्वारा निम्न बिंदुओं पर बैठक की गई :-लाइन डिपार्टमेंट समीक्षा,डोर टू डोर दवा उपलब्ध,और भूखा पेट कोई ना सोए ।। - NPBP NEWS

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Saturday, 25 April 2020

गया जिला पदाधिकारी अभिषेक सिंह के द्वारा निम्न बिंदुओं पर बैठक की गई :-लाइन डिपार्टमेंट समीक्षा,डोर टू डोर दवा उपलब्ध,और भूखा पेट कोई ना सोए ।।

जिलाधिकारी ने लाइन डिपार्टमेंट के कार्यों की समीक्षा
गया, समाहरणालय सभाकक्ष में जिलाधिकारी, गया श्री अभिषेक सिंह ने सभी लाइन डिपार्टमेंट के साथ बैठक कर बारी बारी से संबंधित विभाग की योजनाओं के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों के प्रगति की जानकारी ली। जिलाधिकारी ने कहा संबंधित विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं के कंस्ट्रक्शन वर्क का कार्य कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में यदि सरकारी विभाग का कंस्ट्रक्शन वर्क करना है तो संबंधित मजदूर को उसी कंस्ट्रक्शन साइट पर रहने, खाने एवं शौचालय की व्यवस्था इत्यादि कराने का निर्देश संबंधित लाइन डिपार्टमेंट को दिया गया। उन्होंने कहा कि सभी कंस्ट्रक्शन साइट पर मजदूरों के लिए मास्क, सैनिटाइजर, हाथ धोने के लिए साबुन की व्यवस्था एवं प्रतिदिन सभी मजदूरों का स्क्रीनिंग करने की व्यवस्था भी सुनिश्चित करें। उन्होंने सभी लाइन डिपार्टमेंट के अभियंता को बताया कि मटेरियल वाले वाहन के आवाजाही पर कोई रोक नहीं है बशर्ते उस वाहन पर 2 ड्राइवर एवं एक खलासी रहना चाहिए। इसके अलावा उस वाहन पर किसी भी व्यक्ति को अनुमति नहीं दिया जाएगा। पथ निर्माण विभाग की समीक्षा के दौरान बताया गया कि उनके यहां वर्तमान 12 प्रोजेक्ट में से 8 प्रोजेक्ट में कार्य प्रारंभ हो चुका है। उन्होंने कहा कि बकरौर, डुंगेश्वरी, सर्वहदा, भलुआ, सेवतर में कार्य प्रारंभ कर दिए गए हैं। कार्यरत मजदूर के संबंध में बताया गया कि 80 से 90 मजदूर का प्रयोग पथ निर्माण के कार्यों में किया जा रहा है जिलाधिकारी ने संबंधित कंस्ट्रक्शन साइट पर आसपास के मजदूरों को मोबिलाइज करके मजदूरों की संख्या बढ़ाने का निर्देश संबंधित कांट्रेक्टर को दिया। ताकि आम मजदूरों को काम मिल सके। 
पथ निर्माण विभाग 2 के कार्यों की समीक्षा के दौरान बताया गया कि 14 प्रोजेक्ट में से 6 प्रोजेक्ट चालू किए गए हैं शेष प्रोजेक्ट दो-तीन दिनों में चालू कर दिए जाएंगे। इन सभी को मिलाकर लगभग 100 मजदूरों को कार्य दिया गया है। जिलाधिकारी ने सभी मजदूरों को डिस्टेंस बनाकर कार्य करवाने का निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी मजदूरों को रेंडमली जाँच करते रहें। मास्क, सैनिटाइजर, साबुन इत्यादि वर्क साइट पर उपलब्ध रखें। भवन निर्माण विभाग की समीक्षा के दौरान बताया गया कि अब तक 7 जगहों पर काम शुरू किया गया है। खिजरसराय, इमामगंज इत्यादि जगहों पर कार्य प्रारंभ है। भावन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता द्वारा बताया गया कि लगभग 150 मजदूर कार्य कर रहे हैं जिलाधिकारी ने उन्हें मजदूरों की संख्या बढ़ाने एवं चल रहे प्रोजेक्ट के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। 
खनन विभाग के द्वारा बताया गया कि सरकारी विभाग के कार्यों के लिए सरकार द्वारा बालू जो आज स्टॉक में रखे गए हैं वहाँ से बालू उठाव करने की बात कही गई। बालू उठाव के लिए 11 बालू उठाव पॉइंट शुरू किया गया है। जिनमें चेहरे घाटी में किताब गढ़ अंबा बोधगया एवं खिजरसराय में से सरकार के योजनाओं के कार्य के लिए बालू का उठाव किया जा रहा है। शेष बालू उठाव पॉइंट को जिलाधिकारी ने 3 दिनों के अंदर शुरू कराने के सख्त निर्देश दिए। बताया गया कि बालू का उठाव सिर्फ सरकारी कार्य के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संबंधित कार्यपालक अभियंता जिन्हें भी बालू की आवश्यकता पड़ेगी,वे वाहन संख्या, ड्राइवर का नाम इत्यादि के साथ खनन पदाधिकारी को सूचित करेंगे खनन पदाधिकारी संबंधित स्टॉक पॉइंट पर आए हुए वाहन चालक से गाड़ी का नंबर एवं नाम मिलान कराकर उसे बालू उपलब्ध करा देंगे। उन्होंने कहा कि बालू का उठाव सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक किया जाएगा। 
बैठक में छड़ की कमी की समस्या पर जिलाधिकारी ने बताया कि अन्य राज्यों से मालवाहक वाहन द्वारा छड़ मंगवा सकते हैं। मालवाहक वाहन को कहीं भी रोका नहीं जा रहा है। संबंधित मालवाहक गाड़ियों को जांच करके आने दिया जा रहा है। 
आरडब्ल्यूडी टिकारी ने बताया कि उनके यहां 7 प्रोजेक्ट में कार्य शुरू किए गए हैं, इमामगंज में 5 प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं। जिलाधिकारी ने 2 दिनों के अंदर शेष बचे योजनाओं को शुरू करने का निर्देश दिए।आरडब्ल्यूडी के अभियंता द्वारा सीमेंट की कमी की बात बताई गई जिलाधिकारी ने कहा कि औरंगाबाद या अन्य जिला जहाँ से सीमेंट आता है, संबंधित मालवाहक वाहन से सीमेंट मंगवा सकते हैं। उन्होंने मजदूर की संख्या बढ़ाकर कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।
पुल निर्माण के संबंध में बताया गया कि पुल निर्माण निगम द्वारा 6 योजनाओं में से चार योजना शुरू कर दी गई है जिनमें चीताब, बीवी पेसरा, भलुआ में कार्य शुरू है। जिलाधिकारी ने सभी कांट्रेक्टर को अपने क्षेत्र में लेबर के लिए प्रोत्साहित कर कार्य में प्रगति लाने का निर्देश दिए। 
लघु सिंचाई विभाग द्वारा बताया गया कि 43 जगहों में कार्य प्रारंभ किया गया है। परैया, गुरारू, टिकारी में बालू की समस्या के कारण कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया है। जिलाधिकारी ने खनन विभाग को समन्वय स्थापित कर बालू उपलब्ध कराने का निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कार्यपालक अभियंता लघु सिंचाई को बताया कि लघु सिंचाई विभाग के कार्यों के लिए लेबर की विशेष आवश्यकता होगी। इसलिए लोकल मजदूरों को मोब्लाइज करें। 
*जिलाधिकारी ने कहा कि गया जिला में जेसीबी ड्राइवर एवं पोकलेन ड्राइवर अगर कार्य करना चाहते हैं तो गया जिला के कंट्रोल रूम को सूचना कर अपना नाम पता मोबाइल नंबर दर्ज कराएं। कंट्रोल रूम का दूरभाष संख्या 0631-2222259/ 0631-2222253 है।*
वुडको के कार्यों की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि वुडको के कार्यों के लिए यह बहुत अच्छा समय है। सभी सड़कें खाली पड़ी हैं, सभी रास्ते खाली हैं। रोड कटिंग करने में कहीं कोई समस्या नहीं है। रोड कटिंग कर पाइपलाइन बिछाने में कहीं कोई समस्या नहीं होगी। जिलाधिकारी ने मजदूर की संख्या बढ़ाकर रोड कटिंग कर पाइप लाइन बिछाने के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। 
भूमि संरक्षण विभाग की समीक्षा के दौरान बताया गया कि फतेहपुर, टनकुप्पा, बांकेबाजार, लुटुआ, मोहनपुर, डुमरिया इत्यादि प्रखंडों में कार्य प्रारंभ किया गया है। लगभग 200 स्थानीय मजदूरों को कार्य दिया गया। 
मनरेगा की समीक्षा के दौरान बताया गया कि अब तक 207 पंचायतों में कार्य प्रारंभ किए गए हैं, जिनमें 8229 लोकल मजदूर लगाए गए हैं। जिलाधिकारी ने सभी लाइन डिपार्टमेंट को पुनः निर्देश दिए कि अपने अपने कार्य क्षेत्र में सभी मजदूरों के लिए मास्क, सैनिटाइजर, साबुन उपलब्ध रखेंगे साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाते रहेंगे।
बैठक में सहायक समाहर्ता श्री के एम अशोक, उप विकास आयुक्त श्री किशोरी चौधरी, निदेशक डीआरडीए श्री संतोष कुमार एवं संबंधित लाइन डिपार्टमेंट के पदाधिकारी उपस्थित थे।
ज़िला प्रशासन द्वारा डोर टू डोर सेवा से ज़रूरतमंदों तक पहुँच रही जीवनरक्षक दवायें
कई जरूरतमंदों को उपलब्ध कराई गई दवा
कोविड 19 वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव व सुरक्षा के लिए किए गए लॉक डाउन के दौरान ज़रूरतमंदों तक जीवनरक्षक दवायें पहुँचाने के लिए ज़िला प्रशासन, गया द्वारा 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले व्यक्ति, विधवा महिला एवं विकलांग व्यक्ति, जो स्वयं दवा दुकान तक जाने में सक्षम नहीं हैं, के लिए डोर टू डोर सेवा शुरू की गई है। 
खिजरसराय प्रखंड के नौडीहा पंचायत की 68 वर्षीय रीना देवी घर मे अकेली रहती हैं, उनका पुत्र अनूप पुणे में है। अनूप ने अपनी माँ रीना देवी के लिए आवश्यक दवायें के लिए ज़िला प्रशासन गया द्वारा जारी नंबर पर सम्पर्क कर अपनी माँ के लिए दवा की मांग की गई। सहायक औषधि नियंत्रक द्वारा खिजरसराय प्रखंड के अनुराग मेडिकल स्टोर से समन्वय स्थापित कर उनके घर तक दवा उपलब्ध कराई गई। 
गया के निवासी श्री शशिकांत कुमार, जिनका किड़नी प्रत्यारोपण हुआ है, श्री शशिकांत कुमार का इलाज दिल्ली के अपोलो अस्पताल से चल रहा है, संबंधित दवा Pangraf 1mg प्रतिदिन खाने की सलाह डॉक्टर द्वारा दिया गया था, उनकी दवा खत्म हो चुकी थी, जो अत्यावश्यक है। शशिकांत द्वारा जिला प्रशासन के न0 पर सम्पर्क किया गया। संबंधित औषधि निरीक्षक द्वारा टिकारी प्रखंड के प्रसाद मेडिकल हॉल के मालिक श्री राकेश कुमार समन्वय स्थापित किया गया। जिसके उपरांत प्रसाद मेडिकल हॉल के मालिक श्री राकेश कुमार द्वारा श्री शशिकांत कुमार के घर उक्त दवा की होम डिलीवरी की गई। शशिकांत ने जिला प्रशासन, गया को इस डोर टू डोर सेवा के लिए धन्यवाद दिया। 
प्रखंड वजीरगंज के ग्राम - कधुना के श्री बिपिन सिंह को दवा की ज़रूरत थी, जिसके लिए उनके पुत्र श्री जितेश राज द्वारा जिला प्रशासन के न0 पर संपर्क स्थापित कर दवा की मांग की गई। श्री रंजीत कुमार को रचना मेडिकल हॉल, वजीरगंज से समन्वय स्थापित कर श्री जितेश राज को दवा उपलब्ध कराई गई। 
70 वर्षीय मरीज़ श्री सुरेश सिंह को दवा की आवश्यकता थी,उन्होंने जिला प्रशासन के न0 पर सम्पर्क किया। श्री अशोक कुमार, औषधि निरीक्षक, सदर अनुमंडल, गया ने स्वयं जाकर 70 वर्षीय मरीज़ श्री सुरेश सिंह को दवा की होम डिलीवरी की। 
श्री अजीत कुमार, बेलागंज द्वारा आवश्यक दवा के लिए संपर्क किया गया, जिसके उपरांत श्री मुकेश अग्रवाल, कृष्णा मेडिसिन हाउस, बेलागंज द्वारा दवा घर तक पहुँचाया गया। 
श्री प्रेमनाथ सिंह, मुरारपुर, देवी स्थान, गया द्वारा दवा के लिए जिला प्रशासन के न0 पर सम्पर्क किया गया। श्री शुभम द्वारा गया लाल मेडिकल से दवा की डिलीवरी करवाई गई।
एजेंसी लाल मेडिको, ए०एन०एम०एम०सी०एच०, गया द्वारा मरीज़ श्रीमती लक्ष्मी देवी, मगध कॉलोनी, गया को दवा उपलब्ध करायी गयी।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सभी प्रखंड के कार्यों का समीक्षा की गई
व्यापक प्रचार प्रसार कराने के दिए गए निर्देश
बच्चों को रात में भूखे पेट ना सुलाएं-डीएम
 कोविड-19, एईएस /जेई की रोकथाम, बचाव कार्य, खाद्यान्न का उठाव वितरण, राशन कार्ड निर्गमन आदि कि प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी स्थानीय प्रतिनिधि के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी श्री अभिषेक सिंह ने समीक्षा की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सभी अनुमंडल पदाधिकारी, सभी अपर अनुमंडल पदाधिकारी, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, सभी अंचलाधिकारी, सभी मार्केटिंग ऑफिसर, सभी पीएचसी के एमओआईसी, सभी पंचायत के जन प्रतिनिधि इत्यादि अपने-अपने प्रखंड कार्यालय के बिस्कोमान द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम में उपस्थित थे। उन्होंने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार की योजनाओं में कार्य चल रहा है। आरटीपीएस काउंटर पर रिजेक्ट या लंबित राशन कार्ड वाले आवेदनों को जांच कर पात्र लाभार्थियों को राशन कार्ड बनाया जा रहा है। साथ ही वैसे पात्र लाभुक जो छूटे हुए हैं उसे जीविका के द्वारा डोर टू डोर सर्वे कराया जा रहा है।
इसके उपरांत जिलाधिकारी ने कहा कि आगामी मौसम में छोटे बच्चों में होने वाली बीमारी एईएस /जेई को लेकर सभी प्रखंड सतर्क रहें। जिलाधिकारी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उपस्थित सभी एमओआईसी को कहा कि चमकी बुखार पूर्ण रूप से बच्चों वाला रोग है, इसलिए इसमें सतर्कता अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष बेलागंज, इमामगंज एवं वजीरगंज वाले क्षेत्र से ज्यादा मामले आए थे। उन्होंने इस वर्ष सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को अपने-अपने क्षेत्र में अभी से ही प्रचार प्रसार कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अपने-अपने अस्पताल में चमकी बुखार वाले मरीजों के लिए बेड सुरक्षित रखें। एवं वहाँ के डॉक्टर एवं नर्स को प्रशिक्षण दें। पिछले वर्ष भी पटना के अस्पताल में प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के एक एमबीबीएस डॉक्टर, एक आयुष डॉक्टर एवं 2-2 नर्स को ट्रेनिंग दिया गया था। उन्होंने कहा कि सभी प्रखंड के आशा को दायित्व दें कि वह घर घर जाकर के जाँच करें और पता करें कि किसी बच्चे को इस तरह का बुखार है या नहीं। अगर किसी बच्चे में इस तरह का लक्षण मिलता है तो उसे तुरंत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराएं। सभी आशा अपने साथ ओआरएस का पैकेट एवं पारासिटामोल टेबलेट रखें और चमकी बुखार के लक्षण वाले बच्चों को लगातार ओआरएस का घोल पिलाते रहें। 
जिलाधिकारी द्वारा चमकी बुखार वाले मरीजों के लिए दवा के संबंध में पूछने पर बताया गया कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल में दवा उपलब्ध है। कहीं भी दवा की कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चमकी बुखार वाले बच्चों को प्राथमिक उपचार करने के बाद ही ऑक्सीजन युक्त एंबुलेंस से मरीज को मगध मेडिकल अस्पताल में रेफर करेगें। उन्होंने कहा कि चमकी बुखार के प्रारंभिक 2 घंटा ही गोल्डन आवर रहता है जिसमें उसका प्राथमिक उपचार हो सके। अगर 2 घंटे के अंदर बच्चे का प्राथमिक उपचार कर दिया जाएगा तो बच्चे काफी जल्दी स्वस्थ हो जाते हैं। उन्होंने सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को निर्देश दिए कि अपने-अपने क्षेत्र में प्रचार कराएं की रात्रि के समय कोई भी बच्चा भूखे पेट ना सोए। अपने बच्चों को रात में खिलाकर ही सोने दे। उन्होंने कहा कि अपने अपने जगह को साफ सुथरा रखें। जानवरों, जैसे कि सूअर को अपने घरों से दूर रखें एवं साफ-सफाई का ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि महादलित टोला/ दलित टोला में यह बीमारी ज्यादा फैलता है। इसलिए सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अलर्ट में रहें एवं अपने आशा से फील्ड में लगातार जांच कराते रहें। जिलाधिकारी ने उपस्थित सभी जनप्रतिनिधि को कहा कि पंचायत स्तर पर एवं वार्ड स्तर तक लोगों के बीच जागरूक करें। उन्होंने कहा कि एईएस /जेई के लिए लोगों को सावधानी बरतनी पड़ेगी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में बताया गया कि मुजफ्फरपुर एवं गया जिले में एईएस /जेई के ज्यादा मरीज पाए जाते हैं। वैसे बच्चे जो 15 साल के कम उम्र तक के होते हैं उनमें ही यह बीमारी पाई जाती है। उन्होंने कहा कि 2019 में 50 मरीज एईएस एवं 12 मरीज जेई के मगध मेडिकल अस्पताल में भर्ती हुए थे। एईएस /जेई का लक्षण तेज बुखार और मानसिक संतुलन बिगड़ जाना है। एईएस /जेई होने वाले बच्चों को तुरंत नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एडमिट कराना होगा। उन्होंने सभी पीएचसी को निर्देश दिया कि एईएस वाले मरीज को यदि मगध मेडिकल अस्पताल में रेफर करते हैं तो उसके पूर्व संबंधित मरीज को क्या क्या दवाई चला है कौन-कौन सा जांच किया गया है। यह सभी चीजें रेफरल कागज में अवश्य रुप से लिखकर ही संबंधित मरीज को मगध मेडिकल अस्पताल में रेफर करें। जिससे यहां मरीज को इलाज करने में सहूलियत हो।
 उन्होंने कहा कि सभी जनप्रतिनिधि अपने अपने क्षेत्र में नागरिकों को शौचालय का प्रयोग करने के लिए कहे। खुला हुआ जगह में कोई व्यक्ति शौच ना करें। सुअर एवं गंदगी वाले जगहों से दूरी बनाए रखें। जिस जगह पर रहते हैं, उस जगह को साफ सुथरा रखें। वैसे सभी जगहों को चिन्हित कर लगातार ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करते रहें। 
कोरोना वायरस की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि अन्य प्रदेशों से बिहार के विभिन्न जिलों में प्रवासी मजदूर के आने से कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं। इसलिए सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी पिछले 15 दिनों में जितने प्रवासी मजदूर आए हैं, उनको क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा जाए। यदि प्रखंड स्तर पर के क्वॉरेंटाइन सेंटर भर गया हो तो पंचायत स्तर पर क्वॉरेंटाइन की सुविधा उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि गया जिले में अब तक मैक्सिमम केस में कोरोना के लक्षण नहीं पाए गए हैं और उन्हें 14 दिनों तक आइसोलेट करने पर लगभग वह कोरोना से रिकवर हो जा रहे हैं। इसलिए किसी भी व्यक्ति को कोरोना से डरने की जरूरत नहीं बल्कि सचेत रहने की जरूरत है। 
जिला स्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सहायक समाहर्ता श्री केएम अशोक, उप विकास आयुक्त श्री किशोरी चौधरी, अपर समाहर्ता श्री मनोज कुमार, सिविल सर्जन गया, हेल्थ केयर के डॉक्टर शशि रंजन कुमार, डीपीएम स्वास्थ्य, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, एनएमसीएच के प्राचार्य एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

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