लौकडाउन के दौरान घर में बंद होकर भी कैसे सृजनात्मक कामों को अंजाम दिया जा सकता है, इसकी तमाम मिसालें सामने आ रही है।मेरी बेटी कभी कोई काम नहीं करती थी लेकिन वो इन दिनों पढाई के साथ- साथ घर के कामों में भी हाथ बटा रही है।फिलहाल मेरे घर में तीन बच्चियां बडी है, दो भांजी और एक मेरी बेटी।इस लौकडाउन में कोई बाहर के व्यक्ति घर में प्रवेश न करे,इसके लिए कामवाली को आने से मना करके हमसब ने अपने-अपने कामों को आपस में बांट लिया है और बखूबी इस फैसले को निभाया।बच्चों ने घर के काम मे हाथ बटाया और पति ने घर में लगे छोटे-छोटे पौधे का ख्याल किया।वो इन दिनों बहुत मन लगाकर पौधों का देख- रेख कर रहे हैं।जैसे-समय से उनमे पानी सिंचना,कोडाई करना, गमलों में से घास निकलना ।मैं साथ-साथ रहती हूं ताकि इनलोग को काम करना आसान लगे।इस लौकडाउन मे सभी घरों के पुरुषों (र्मदों) ने तरह-तरह के कार्य करते हुए नजर आ रहे हैं। सारे काम के बाद हमसब परिवार एकसाथ बैठकर कुछ गेम खेलते हैं, और गेम मे कुछ शर्तें होती है जो हारेगा उसे सजा पानी होगी।ये सजा बडे हो या बच्चे सभी ईमानदारी से निभाते हैं।इनदिनों बहुत अच्छा लग रहा है एकसाथ समय देकर।किसी को शरो-शायरी तो किसी को सौंग,हर किसी को अपना-अपना पसंद जाहिर करने का मौका मिल रहा है।कुछ फोटोज-विडियोंज भी हो रहे हैं।सबों के ऊपर आनंद का एक खुमार चढा है।जितने भी परिवार दूर रिश्तेदार हैं सबसे बातें करके एक-दूसरे से अपडेट हो रहे हैं।अपनी-अपनी खुशियों को एक/दूसरे से जाहिर करके।बहुत अच्छा लग रहा है ।समय-समय पर अपने पति को कुछ शब्दों से चिढा देती हूं,वो बात को लेकर उठ जाते हैं तो और भी मजा आता है क्योंकि ,पत्नियों का शोसल मिडिया पर बहुत चुटकुलें बनाए गए हैं पहले मजाक करती हूं और बाद में फिर दो शब्द कहकर माफी मांग लेती हूं।ऐसे-ऐसे अनेकों कौशल अपने अंदर फुट रहे हैं।अरसों से ये घरेलू कार्य छुटते आ रहे थे ।आज सभी इंसान के भीतर कुछ न कुछ कौशल दिखाई पड रहे हैं।ऐसे भी कहा जाता है कि जिस रोज आप बहाने बनाना छोड़ देते हैं, आप उसी रोज सृजनात्मक हो जाते हैं क्योंकि, आलस्य सरल से सरल कार्य को भी जटिल और कठिन बना देता है।जिंदगी निखारने संवारने का सबसे बडा औजार ही पाँजिटिव रवैया है।इस औजार की सबसे ज्यादा परख मुश्किल समय में उभरती है।कोई जैसा रवैया अपनाता है उसका भविष्य उसी पर निर्भय करता है।हर किसी के जिंदगी में थमे हुये लम्हे ,यानी इंटरवल या ब्रेक आते हैं।जो इनका भरपूर इस्तेमाल करना जानता है वही इसका अगले भाग का लुत्फ उठा सकता है।इंटरवल या ब्रेक किसी काम के लिए इस्तेमाल करना बेहतर विकल्प है न कि यूं घडी देख-देख कर वक्त गुजारना ।समय को बरबाद करना जीवन को नष्ट करने के समान है।इसका र्साथक इस्तेमाल करना हीं समझदारी है।फुर्सत के पलों ने एक दूसरे से जोड़ दिया ,जो पीछे छुट रहे थे वो कार्य भी सामने से जुड़ गए।लगता है हम कहीं न कहीं सफल होते दिख रहे हैं।बीते हुए लम्हे को मेरा प्रणाम,(नमस्कार)और आनेवाले हैं उनका भी बेहद इंतजार।संघर्ष ही जीवन है।। ......प्रतिभा कुमारी गया
Tuesday, 28 April 2020
लौकडाउन के दौरान घर में बंद होकर भी कैसे सृजनात्मक कामों को अंजाम दिया जा सकता है
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बहुत -बहुत धन्यवाद आपको इस चैनल के माध्यम से जानकारी देने के लिए और बहुत ही बेहतरीन ब्याख्या है कहीं न कहीं ये लौकडाउन अच्छे कार्य से जुडऩे का मौका दिया।कुछ परेशानपरेशानीरया भी हो रही हैं लेकिन हम और हमारी सरकार ने इसस
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