
भूजल की क्वालिटी खराब होने से जिले के लोगों की प्यास अब जार वाली पानी बुझा रही है। नतीजतन शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में पानी का कारोबार दिन व दिन बढ़ता जा रहा है। शहरी इलाके में हर दिन लगभग 40 हजार लीटर पानी की बिक्री की जाती है। गौरत: सआई मार्का है और न ही पानी टैस्ट करने के लिए लैब। बावजूद इसके कार्रवाई न होने से दिन व दिन पानी बेचने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। हैरानी की बात यह है कि जिले में खाद्य व पेय सामग्री की शुद्धता की जांच तक नहीं होती। नतीजतन खाद्य व पेय का धंधा यहा खूब फूल-फल रहा है। नियम है कि पैक कर कोई भी वस्तु बेचने पर पैकिंग पैकेट पर आईएसआई मार्का होने के साथ उस पर पैकिंग डेट के साथ एक्सपायरी डेट व कंपनी का पता होना जरूरी है। बावजूद पानी के जारों पर इस नियम का पालन नहीं किया जा रहा है।
इन स्थानों पर चल रहा कारोबार
शहर में मिंज स्टेडियम रोड, बंजारी रोड, थावे रोड, स्टेशन रोड, जादोपुर रोड, अरार मोड़, हरखुआ, भितभेरवा, मीरगंज में हथुआ मोड़, स्टेशन रोड, हथुआ बाजार, बरौली में सिसई, भड़कुईयां, खजुरिया रोड, कटेया में मेन बाजार सहित अन्य ग्रामीण इलाकों में धड़ल्ले से जार भरे पानी का कारोबार चल रहा है।
आरओ प्लांट लगाओ .....धंधा शुरू
पानी बेचने के लिए यहां कोई खास प्रक्रिया नहीं है। ज्यादातर पानी का कारोबार करने वाले लोग एक आरओ प्लांट व गर्मी में पानी को ठंडा करने के लिए चिलर प्लांट लगा कर धंधा शुरू कर देते हैं। किसी भी प्रकार की विभागीय जांच या कार्रवाई नहीं होने से यह व्यापार बढ़ रहा है। जिले भर में इन दिनों लगभग 30 से 40 जगहों पर यह धंधा हो रहा है।
शहर में जार व टैंकर से बेचा जा रहा है पानी
शहर में टैंकर के माध्यम से लगभग 10 हजार लीटर पानी बेचा जा रहा है। वहीं लगभग ढाई से तीन हजार कैंपर पानी की प्रतिदिन खपत है। एक कैंपर में 13 लीटर पानी आता है। 20 लीटर के जार में भी पानी बेचा जा रहा है। लगभग 1000 जार प्रतिदिन की खपत है। यानि 20 हजार लीटर पानी। गर्मी में यह आंकड़ा 500 जार अधिक हो जाता है। मोहल्ले में 1 हजार लीटर की टंकियों से भी पानी बेचा जा रहा है। लगभग 10 वाहनों पर रखी टंकियां प्रतिदिन पानी की सप्लाई करती हैं। लगभग 10 हजार लीटर पानी टंकियों के माध्यम से बेचा जा रहा है।
नहीं होती पानी की जांच
जिले में मिलावटी सामान की बिक्री पर रोक लगाने के लिए कोई जांच नहीं चलती। ...और नहीं यहां फूड टेस्टिंग लैब है। सदर अस्पताल स्थित पीएचईडी विभाग की पानी जांच करने वाली लैब है लेकिन कारोबारी यहां पानी की जांच नहीं कराते। लैब कर्मचारी पारितोष कुमार ने बताया कि ज्यादातर लोग सरकारी चापाकल व निजी हैंडपंप का पानी जांच कराने आते हैं।
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