
नगर विकास एवं आवास विभाग के विशेष सचिव अभय राज सोमवार को मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी समेत तिरहुत प्रमंडल क्षेत्र में चल रही विकास याेजनाओं की समीक्षा करेंगे। नगर विकास विभाग प्रमंडल स्तर पर पहली बार बैठक करा रहा है।
मुजफ्फरपुर नगर निगम कार्यालय के सभागार में हाेनेवाली इस बैठक में विशेष सचिव तिरहुत प्रमंडल क्षेत्र के सभी नगर निकायाें के अधिकारियाें से याेजनाओं की स्थिति की जानकारी लेंगे। बैठक में मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी समेत प्रमंडल क्षेत्र की मुख्यमंत्री शहरी पेयजल निश्चय, मुख्यमंत्री शहरी नाली-गली पक्कीकरण निश्चय, शौचालय निर्माण, स्वच्छ भारत मिशन (शहरी), ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, स्ट्राॅर्म वाटर ड्रेनेज, नाला निर्माण, सम्राट अशोक भवन निर्माण, जलजीवन हरियाली अभियान, शहरी आवास, दीनदयाल अंत्याेदय आदि योजनाओं की समीक्षा की जाएगी।
इसकी तैयारी को लेकर निगम कार्यालय रविवार काे भी खुला रहा। अपर नगर आयुक्त विशाल आनंद ने संबंधित अधिकारियों से बैठक से संबंधित जरूरी जानकारियां लीं।
स्मार्ट सिटी योजनाओं के तहत अब तक एक ईंट भी नहीं लगी शहर में
स्मार्ट सिटी के लिए मुजफ्फरपुर का चयन 25 जून 2017 को हुआ था। लेकिन, साढ़े 3 साल में इसके तहत एक ईंट भी नहीं जाेड़ी गई। यही कारण है कि स्मार्ट सिटी की रैंकिंग में मुजफ्फरपुर देश में सबसे निचले पायदान (99) पर रहा। 980 करोड़ रुपए स्मार्ट सिटी के लिए आवंटित होने के बाद भी काेई काम धरातल पर नहीं उतर पाया। अब जाकर एसपीवी का गठन हुआ है।
बता दें कि मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी के तहत इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल इंफॉरमेशन सेंटर, 20 मिनी बस स्टॉप, तीन स्मार्ट सड़काें समेत 10 योजनाओं का टेंडर हो चुका है। राैतनिया में 30 करोड़ की लागत से इंटीग्रेटेड सॉलिड मैनेजमेंट प्लांट लगना है। बैरिया से इमलीचट्टी होते हुए धर्मशाला, डीएम आवास से सरैयागंज टावर होते हुए अखाड़ाघाट व धर्मशाला चौक से मोतीझील होते हुए हरिसभा तक स्मार्ट सड़क बननी है। इनमें भी अभी टेंडर से आगे बात नहीं बढ़ी है।
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए डेढ़ साल में जमीन तक नहीं मिली
जलजमाव के निदान को मुजफ्फरपुर में 183 करोड़ रु. से स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज बनना है। इसके लिए 3 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) भी बनाए जाने हैं। लेकिन, अब तक एक के लिए भी बुडको को जमीन नहीं मिल सकी है। नाला का भी काम पूरा नहीं हो सका है। रामदयालु -कच्ची पक्की के बीच नाला बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है।
183 करोड़ की लागत से मणिका मुशहरी, तिरहुत कैनाल व फरदो में एसटीपी का निर्माण होना है। इन तीनों एसटीपी के बनने से शहर को जलजमाव की समस्या से बड़ी राहत मिलती, जो अब तक जमीन पर नहीं उतरा है। पूर्व डीएम के प्रयास से मुशहरी मणिका में एसटीपी का निर्माण होने का रास्ता भारी विरोध के बावजूद लगभग तय हो चुका था। फिर अधर में लटकता दिख रहा है।
मिठनपुरा इलाके में बनने वाले नाला का पानी तिरहुत कैनाल में जाना है। तिरहुत कैनाल से एनओसी नहीं मिलने से वहां भी एसटीपी का काम नहीं शुरू हुआ है। तीसरा एसटीपी फरदो में बनाया जाएगा। मिठनपुरा में नाला निर्माणाधीन है।
वार्ड 1 से 10 तक की समस्याओं की समीक्षा बैठक अब 16 काे
नगर निगम क्षेत्र के वार्ड 1 से 10 तक की समस्याओं काे लेकर 4 जनवरी काे प्रस्तावित समीक्षा बैठक अब 16 जनवरी को होगी। यह तब्दीली विशेष सचिव के कार्यक्रम को लेकर की गई है।
नगर विकास विभाग की राशि से बन रहे नाला-रोड में कार्य की रफ्तार अत्यंत धीमी
सड़क और नाला बनाने में भी नगर निगम की ओर से भारी लापरवाही बरती जा रही है। पूर्व नगर विकास एवं आवास मंत्री के बार-बार निर्देश के बावजूद शहर में सड़क-नालाें का काम पूरा नहीं कराया जा सका। शहर में 32 राेड-नाला याेजनाओं का निर्माण अधूरा है। जगह-जगह सड़क और नाला खोद कर छोड़ दिए जाने के कारण शहरवासियों को फजीहत झेलनी पड़ रही है।
पंकज मार्केट राेड में निर्माणाधीन सड़क और नाला की वजह से कई माह से लोग परेशान हैं। घराें में नाले का गंदा पानी घुस जा रहा है। बल्कि, नगर विधायक विजेंद्र चाैधरी के आवास के समीप भी इसी तरह की स्थिति बनी हुई है। डिप्टी मेयर के वार्ड में गली नली का काम पूरा नहीं हुआ है। शहर के ज्यादातर वार्ड पार्षद गली-नली योजना का काम अधूरा रहने के कारण परेशान हैं। नगर निगम बोर्ड की बैठक हो या सशक्त स्थाई समिति की बैठक। अधूरे काम को लेकर बार-बार आवाज उठती रही है।
शहर में अब तक नहीं बन सका सम्राट अशोक भवन
मुजफ्फरपुर नगर निगम को सम्राट अशोक भवन बनाना है। पैसा आवंटन के करीब दो साल बाद भी अब तक सम्राट अशोक भवन का निर्माण नहीं हो सका है। सम्राट अशोक भवन के निर्माण को लेकर मेयर व डिप्टी सवाल उठाते रहे हैं। नगर निगम अभी जमीन की तलाश कर रहा है।
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