
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि पैथोलॉजिकल लैब से जुड़े कितने कानून हैं और इनमें कौन-कौन बिहार में लागू है? कोर्ट ने सरकार से कहा कि इसका विवरण चार्ट बनाकर कोर्ट में पेश करें। सोमवार को मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद की खण्डपीठ ने एसोसिएशन ऑफ पैथोलॉजिकल इंस्टीट्यूट्स की जनहित याचिका को सुनते हुए यह निर्देश दिया।
सुनवाई में इंटरविनर की तरफ से एडवोकेट राजीव सिंह ने कोर्ट को बताया कि बिहार क्लिनिकल स्टेब्लिशमेंट कानून 2013 के नियम 3 के तहत क्लिनिकल स्टेब्लिशमेंट के लिए राज्य आयोग गठन का प्रावधान है पर गठन नहीं हुआ है। सरकारी अधिवक्ता प्रशांत प्रताप ने मुख्य सचिव की ओर से दायर हलफनामे के हवाले कोर्ट को बताया कि सूबे में संशोधित कानूनों को लागू किया जा रहा है।
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